पृथक राज्य आन्दोलन उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन UTTARAKHAND RAJYA AANDOLAN GK IN HINDI

पृथक राज्य आन्दोलन




पृथक राज्य सम्बन्धी मांग सर्वप्रथम 5-6 MAY 1938 को श्रीनगर में आयोजित भारतीय रा० क्रा० के विशेष अधिवेशन में हुयी इसमें जवाहरलाल नेहरु ने भी समर्थन किया | 1938 में दिल्ली में प्रथक राज्य हेतु श्री देव सुमन ने गढ़ देश सेवा संघ का गठन किया जो बाद में हिमालय सेवा संघ कहलाया |

1952 में मार्क्सवादी नेता P. C. जोशी ने पहली बार यहाँ के लिए प्रथम राज्य की |

पर्वतीय विकास जन समिति :-
1950 में हिमाचल प्रदेश व उत्ताखंड को मिलाकर एक व्रहद हिमालय राज्य बनाने का उद्देश्य |

पर्वतीय राज्य परिषद् :-
24-25 JUN 1967 – रामनगर, अध्यक्ष – दया कृष्ण पाण्डेय |

पर्वतीय विकास परिषद् :-
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1969 |

कुमाऊँ राष्ट्रिय मोर्चा :-
30 OCT 1970 – प्रकाश चन्द्र जोशी |

उत्तराँचल परिषद् :-
1970 –  नैनीताल |

उत्तराखण्ड युवा परिषद् 1976

उत्तराँचल राज्य परिषद् :-

1979 – त्रिपेन सिंह नेगी |

उत्तराखण्ड क्रांति दल (1987 में विभाजन)  :-
24 – 25 JUL 1979 – मसूरी, प्रथम अध्यक्ष डॉ० देविदत्त पन्त |

23 APR 1987 को त्रिपेन सिंह पवार ने संसद पर बम फेका |

उत्तराँचल उत्थान परिषद् :-
30 – 31 MAY 1988 शोबन सिंह जीना |
कौशिक समिति :-
1994 में गठन, 3 मण्डल व गैरसैण राजधानी बनाने का प्रस्ताव |

1 SEP 1994 – खटीमा कांड (काला दिवस)
2 SEP 1994 – मसूरी कांड – हंसा घनाई व बेलमती चौहान शहीद |

2 OCT 1994 – मुज्जफरनगर कांड / रामपुर तिराहा कांड |

10 NOV 1995 – श्रीयंत टापू घटना (श्रीनगर) |
15 AUG 1996 – को प्रधानमंत्री H. D. देवगौड़ा ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की घोषणा की जार्ज फर्नाडिस कमिटी ने उधम सिंह नगर को उत्तराखण्ड में शामिल करने का सुझाव दिया |

गढ़वाल जाग्रत संस्था – 1939 पौड़ी 

उत्ताखण्ड छात्र युवा संघर्ष समिति – 18 SEP 1994 

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