यहाँ उत्तराखंड सामान्य ज्ञान (UTTARAKHAND GK) से सम्बंधित सभी अध्यायो को क्रम से दिया गया है, जो उत्तराखंड में आयोजित समूह ग, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग आदि परीक्षाओ के लिए महत्वपूर्ण है|
Coronavirus, also known as COVID-19 has now spread to a number of countries around the world.
COVID-19
CO- कोरोना VI -वायरस D-Disease19 -2019
कोरोना वायरस : COVID-19 कोरोनावायरस को आखिरकार एक नाम मिल ही गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगवार को कोरोना वायरस को नया नाम कोविड 19 (COVID-19) दिया। कोविड 19 कोरोनावायरस से अब तक दुनिया में लगभग 100,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि लगभग 3,089 लोगों की मौत हो चुकी है।
संकेत और लक्षणपीड़ित व्यक्ति के कोई संकेत और लक्षण नहीं भी हो सकते हैं, हालांकि लक्षण प्रकट करने वाले लोगों में बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ और दस्त हो सकते हैं, और मामूली से बहुत गंभीर हो सकते हैं।3 फरवरी 2019 तक गंभीर मामलों की संख्या 17,393 में से 2,298 है, जिसमें 488 स्वस्थ हुए हैं। गंभीर संक्रमण के मामलों के परिणामस्वरूप निमोनिया, गुर्दे की विफलता और मृत्यु हो सकती है।ऊपरी श्वसन लक्षण जैसे कि छींकना, बहती नाक या गले में खराश अक्सर कम होते हैं।[93][94] लक्षणों की शुरुआत से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2 से 10 दिन और यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा 2 से 14 दिनों का अनुमान लगाया गया है।वुहान के अस्पतालों में भर्ती कराए गए पहले 41 पुष्ट मामलों में से 13 (32%) व्यक्तियों में एक और पुरानी बीमारी थी, जैसे मधुमेह या उच्च रक्तचाप। कुल मिलाकर, 13 (32%) व्यक्तियों को गहन देखभाल की आवश्यकता थी, और 6 (15%) व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। जिन लोगों की मृत्यु हुई उनमें से कई की स्थिति अन्य थी जैसे कि अधिक उम्र, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, या हृदय रोग जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली(इम्यून सिस्टम) को बिगड़ा था।
People may be sick with the virus for 1 to 14 days before developing symptoms. The most common symptoms of coronavirus disease (COVID-19) are fever, tiredness, and dry cough. Most people (about 80%) recover from the disease without needing special treatment.More rarely, the disease can be serious and even fatal. Older people, and people with other medical conditions (such as asthma, diabetes, or heart disease), may be more vulnerable to becoming severely ill.
People may experience:
cough
fever
tiredness
difficulty breathing (severe cases)
प्रसारकोरोना वायरस मुख्य रूप से हवा की बूंदों के माध्यम से फैलता है जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसी या लगभग 3 फीट (0.91 मीटर) से 6 फीट (1.8 मीटर) की सीमा के भीतर छींकता है।वायरल आरएनए पहले पुष्ट मामले में से एकत्र मल नमूनों में भी मिला था, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या संक्रामक वायरस का फिकल-मौखिक संचरण भी होता है। यह अन्य कोरोना वायरस(बिषाणु) की तरह हैंडल और रेलिंग के माध्यम से भी फैल सकता है।एक सुपर-स्प्रेडर से मेडिकल स्टाफ के 14 अलग-अलग सदस्यों के संक्रमित होने की सूचना मिली थी। 25 जनवरी 2020 को, सिन्हुआ समाचार एजेंसी को की गई घोषणा में चीनी सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख गाओ फू ने इस बात से इनकार किया कि उक्त व्यक्ति को "सुपर स्प्रेडर" माना जाना चाहिए क्योंकि उसे कई वार्डों में ले जाया गया था।उसी दिन, हालांकि, चाइना न्यूज़वीक (एक अन्य आधिकारिक समाचार एजेंसी, जो चीन समाचार सेवा द्वारा संचालित हैै), पेकिंग विश्वविद्यालय के एक विशेषज्ञ का हवाला देते हुए, ने दावा किया कि पूर्वोक्त रोगी को पहले से ही सुपर-स्प्रेडर माना जा सकता है और शामिल अस्पतालों की आलोचना की कि संपर्क में आए कर्मचारियों की रक्षा के लिए ठीक से वयवस्था नहीं किया गया था। चाइना न्यूजवीक ने सरकार की सेंसरशिप की भी आलोचना करते हुए कहा कि हेल्थकेयर प्रोवाइडर, बुखार क्लीनिक में रहने वालों को छोड़कर, के पास सुरक्षा के लिए केवल एक मास्क है।
Prevent (रोक-थाम)
DO THE FIVE
Help stop coronavirus
1
HANDSWash them often
2
ELBOWCough into it
3
FACEDon't touch it
4
SPACEKeep safe distance
5
HOMEStay if you can
There’s currently no vaccine to prevent coronavirus disease (COVID-19)
कोरोना वायरस क्या गर्मी से मर जाता है?
कोरोना वायरस 60 से 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक नष्ट नहीं हो सकता. उतना तापमान ना तो भारत में है और ना किसी के शरीर के भातर. कुछ वायरस तापमान बढ़ने के बाद नष्ट होते हैं लेकिन कोरोना वायरस पर बढ़ते तापमान का क्या असर होगा?
इसके बारे में ब्रितानी डॉक्टर सारा जार्विस कहती हैं कि 2002 के नवंबर में सार्स महामारी शुरू हुई थी जो जुलाई में खत्म हो गई थी. लेकिन ये तापमान बदलने की वजह से हुआ या किसी और वजह से ये बताना मुश्किल है.
वायरस पर शोध करने वाले डॉक्टर परेश देशपांडे का कहना है कि अगर कोई भरी गर्मी में छींका तो थूक के डॉपलेट सतह पर गिर कर जल्दी सूख सकते हैं और कोरोना फैसले का संक्रमण कम हो सकता है.
हम जानते हैं कि फ्लू वायरस गर्मियों के दौरान शरीर के बाहर नहीं रह पाते लेकिन हमें इस बारे में नहीं पता कि कोरोना वायरस पर गर्मी का क्या असर पड़ता है. तो कहा जा सकता है कि गर्मी में कोरोना नष्ट होगा इसका कोई ठोस सबूत नहीं है. तापमान के भरोसे मत बैठिए.
Source: https://www.bbc.com/hindi/social-51971562
Coronavirus disease (COVID-19) advice for the public: Myth busters
उत्तराखंड मे चंद वंश | चंद वंश राजा चन्द राजवंश की प्रारम्भिक राजधानी कहां थी – चम्पावत चन्द राजवंश का प्रथम शासक कौन था तथा कहां का रहने वाला था – सोमचन्द, गुसी इलाहाबाद चन्द राजवंश का राजकीय चिन्ह क्या था – गाय ज्ञानचन्द को गरूण की उपाधि किस शासक ने प्रदान की – नशीरूदीन मोहम्मद खगमरा का किला का निर्माण किस शासक ने करवाया – भीमचन्द आलमनगर (अल्मोडा) की नीव किस शासक ने डाली – बालो कल्याण चन्द किस चन्द शासक ने राजकीय खर्चे पर युवाओं को बनारस तथा कश्मीर संस्कृत शिक्षा प्राप्त करने हेतु भेजा – रूद्रचन्द लक्ष्मीचंद का सेनापति था – गेंडा कीर्तिपुर शहर की नीव किस शासक ने रखी – कीर्तिचन्द बाजबहादुर चंद को बहादुर की उपाधि किस मुगल शासक ने प्रदान की – शाहजहां चन्द राजवंश का अन्तिम शासक था – महेशचन्द गोरखाओं ने कुमांउ क्षेत्र पर कब आक्रमण किया – 1790 ई० हर्षदेव जोशी किस चन्द राजवंश के प्रशासन में था – मोहनचन्द अल्मोडा में नन्दादेवी मन्दिर का निर्माण किस शासक ने दिया – ज्ञानचन्द द्वितीय चन्द राजवंश का वास्तविक संस्थापक था – थोरचन्द किस चन्द शासक ...
पृथक राज्य आन्दोलन पृथक राज्य सम्बन्धी मांग सर्वप्रथम 5-6 MAY 1938 को श्रीनगर में आयोजित भारतीय रा० क्रा० के विशेष अधिवेशन में हुयी इसमें जवाहरलाल नेहरु ने भी समर्थन किया | 1938 में दिल्ली में प्रथक राज्य हेतु श्री देव सुमन ने गढ़ देश सेवा संघ का गठन किया जो बाद में हिमालय सेवा संघ कहलाया | 1952 में मार्क्सवादी नेता P. C. जोशी ने पहली बार यहाँ के लिए प्रथम राज्य की | पर्वतीय विकास जन समिति :- 1950 में हिमाचल प्रदेश व उत्ताखंड को मिलाकर एक व्रहद हिमालय राज्य बनाने का उद्देश्य | पर्वतीय राज्य परिषद् :- 24-25 JUN 1967 – रामनगर, अध्यक्ष – दया कृष्ण पाण्डेय | पर्वतीय विकास परिषद् :- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1969 | कुमाऊँ राष्ट्रिय मोर्चा :- 30 OCT 1970 – प्रकाश चन्द्र जोशी | उत्तराँचल परिषद् :- 1970 – नैनीताल | उत्तराखण्ड युवा परिषद् 1976 उत्तराँचल राज्य परिषद् :- 1979 – त्रिपेन सिंह नेगी | उत्तराखण्ड क्रांति दल (1987 में विभाजन) :- 24 – 25 JUL 1979 – मसूरी, प्रथम अध्यक्ष डॉ० देविदत्त पन्त | 23 APR 1987 को त्रिपेन सिंह पवार ने संसद पर बम फेका | उत...
(Uttarakhand State) उत्तराखंड: famous food of uttarakhand राज्य मूलतः दो भागों में बटा हुआ है जो की कुमाऊँ (Kumaon) और (Garhwal)गढ़वाल नाम से जाना जाता है। इसलिए यहाँ के पारंपरिक परिधान भी मूलतः दो ही प्रकार के पाए जाते हैं, एक (Kumauni Apparel)कुमाऊनी परिधान और दूसरा गढ़वाली परिधान (Garhwali Apparel)। indian traditional dresses of different states first ethnic group of uttarakhand पारम्परिक परिधान north indian culture garhwali festivals कुमाऊ व गढ़वाल क्षेत्र के लोगों द्वारा पहनें जाने वाले पारम्परिक परिधान इस प्रकार है – population of uttarakhand कुमाऊनी पुरुषों के परिधान :- धोती, पैजामा, सुराव, कोट, कुर्त्ता, भोटू, कमीज मिरजै, टांक (साफा) टोपी आदि। कुमाऊनी स्त्रियों के परिधान :- घागरा, लहंगा, आंगडी, खानू, चोली, धोती, पिछोड़ आदि। कुमाऊनी बच्चों की परिधान :- झगुली, झगुल कोट, संतराथ आदि। गढ़वाली पुरुषों के परिधान :- धोती, चूड़ीदार पैजामा, कुर्त्ता, मिरजई,...